Thursday, June 6, 2013

रूठकर मुझसे तुम, अब किधर जाओगे...


रूठकर मुझसे तुम, अब किधर जाओगे ।
मुझको मालुम है, फिर इधर आओगे ।

चाँदनी रह न पाए, कभी चाँद बिन ,
तितलियाँ फूल के बिन, क्या रह पायेंगीं ?
उड़ न पाएगी चिड़िया, कभी पाँख बिन,
नीर के बिन ये नदियाँ, क्या बह पायेंगीं ?
तुम रहे जो अगर, दूर मुझसे प्रिये,
टूटकर इक पल में , बिखर जाओगे ।

तुम भुला दो मुझे, है ये मुकिंन मगर,
मेरी यादों को , कैसे भुलाओगे तुम।
तेरे ख्वाबों में आऊँगा, रातों को मैं,
देखना है कि कब तक, रुलाओगे तुम ।
हर तरफ तुमको, मैं ही नज़र आऊँगा ,
जाओगे तुम जिधर भी , उधर पाओगे ।
रूठकर मुझसे तुम, अब किधर जाओगे...

- राहुल 'राज'