नम हैं आँखें और, सर झुकाए बैठे हैं |
लगता है आप भी , चोट खाए बैठे हैं |
लगता है आप भी , चोट खाए बैठे हैं |
क्या नशीयत दें ,किसी को आशियाने की ,
हम तो खुद ही ,अपना घर जलाए बैठे हैं |
करीबी लोगों से , जरा सी दूरियां रखना ,
वो मुस्कान के पीछे, खंजर छुपाए बैठे हैं |
वो मुस्कान के पीछे, खंजर छुपाए बैठे हैं |
दुश्मन करे दगा तो , इतना दर्द नहीं होता,
हम तो अपनों से ही, चोट खाए बैठे हैं |
हम तो अपनों से ही, चोट खाए बैठे हैं |
वो बदनाम हो जाता, महफिल में 'राज',
शुक्र है हम सारे , राज़ छुपाए बैठे हैं |
शुक्र है हम सारे , राज़ छुपाए बैठे हैं |