Wednesday, November 10, 2010

नैना हर रोज रोते हैं..



" उसकी यादों में ये बेकसूर नैना हर रोज रोते हैं


दर्द कितना है मेरे दिल में गवाही अश्क देते हैं


हमने सोचा भी न था मोहब्बत का अंजाम ये होगा,


कि वो देख मेरा चेहरा निगाहें मोड़ लेते हैं "



-राहुल 'राज़'

7 comments:

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति|

Amit Chandra said...

khubsurt anubhuti. aabhar.

पंख said...

blog jagat me aapka swagat hai... likhte rahiye....aur aapke guruji "kumar vishwas ji" ki main bhi bohot badi fan hu.....

खबरों की दुनियाँ said...

मोहब्बत में ऐसा ही कुछ होता है दोस्त। अच्छी पोस्ट , शुभकामनाएं । पढ़िए "खबरों की दुनियाँ"

Unknown said...

BAAS Voice का आमंत्रण :
आज हमारे देश में जिन लोगों के हाथ में सत्ता है, उनमें से अधिकतर का सच्चाई, ईमानदारी, इंसाफ आदि से दूर का भी नाता नहीं है। अधिकतर तो भ्रष्टाचार के दलदल में अन्दर तक धंसे हुए हैं, जो अपराधियों को संरक्षण भी देते हैं। इसका दु:खद दुष्परिणाम ये है कि ताकतवर लोग जब चाहें, जैसे चाहें देश के मान-सम्मान, कानून, व्यवस्था और संविधान के साथ बलात्कार करके चलते बनते हैं और किसी को सजा भी नहीं होती। जबकि बच्चे की भूख मिटाने हेतु रोटी चुराने वाली अनेक माताएँ जेलों में बन्द हैं। इन भ्रष्ट एवं अत्याचारियों के खिलाफ यदि कोई आम व्यक्ति, ईमानदार अफसर या कर्मचारी आवाज उठाना चाहे, तो उसे तरह-तरह से प्रता‹िडत एवं अपमानित किया जाता है और पूरी व्यवस्था अंधी, बहरी और गूंगी बनी रहती है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो आज नहीं तो कल, हर आम व्यक्ति को शिकार होना ही होगा। आज आम व्यक्ति की रक्षा करने वाला कोई नहीं है! ऐसे हालात में दो रास्ते हैं-या तो हम जुल्म सहते रहें या समाज के सभी अच्छे, सच्चे, देशभक्त, ईमानदार और न्यायप्रिय लोग एकजुट हो जायें! क्योंकि लोकतन्त्र में समर्पित एवं संगठित लोगों की एकजुट ताकत के आगे झुकना सत्ता की मजबूरी है। इसी पवित्र इरादे से भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) की आजीवन सदस्यता का आमंत्रण आज आपके हाथों में है। निर्णय आपको करना है!
http://baasvoice.blogspot.com/

Anonymous said...

बहुत सुंदर - हार्दिक शुभकामनाएं

डॉ. मोनिका शर्मा said...

कम शब्दों में प्रभावी अभिव्यक्ति.... अच्छी प्रस्तुति