न कोई शीशमहल, न कोई ताज़ हूँ मैं ।
न कोई प्रेमगीत, न कोई अल्फाज़ हूँ मैं ।
छुपा रखा है मुझे, सब ने अपने दिलों में,
जो लबों तक न आया,वही 'राज़' हूँ मैं ।
Monday, February 11, 2013
मेरी आँखों की झीलों में...
मेरी आँखों की झीलों में, जो नमकीन पानी है । जो बीती है मेरे दिल पे , तजुर्बों की कहानी है । जो रहती है मेरे दिल में, मेरी धड़कन बनकर , वो थोड़ी सी पगली है, वो थोड़ी सी दीवानी है ।
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