Sunday, March 31, 2013

" प्रस्ताव गीत "


इस ज़माने से मुझको मिलीं ठोकरें,
आप ही अपना मुझको बना लीजिए । 
कब तक मैं भटकता फिरूं दर-ब-दर,
अपने दिल में मुझको बसा लीजिए ।

चाँद तारे तो, मैं तोड़ सकता नहीं ।
साथ तेरा मगर, छोड़ सकता नहीं ।
थाम लो तुम अगर हाथ मेरे प्रिये,
ये तूफां भी हमें मोड़ सकता नहीं । 
दे सको अगर जन्मों तक साथ मेरा,
हमसफ़र अपना मुझको बना लीजिए ...

ये दीया प्यार का सदा जलता रहे । 
हर जन्म प्यार तेरा मिलता रहे । 
हम न बदलेंगे इस बदल की दौड़ में,
चाहे ये जमाना सारा बदलता रहे । 
मैं रहूँगा सदा तेरी आँखों में प्रिये,
काजल अपना मुझको बना लीजिए...




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