मैंने अब जिन्दिगी जीना सीख लिया ।
ज़हर से अश्कों को पीना सीख लिया ।
क्यूँ करूँ भरोसा अब इस दुनियादारी पे ,
अपने हाथों से जख्म सीना सीख लिया ।
बहुत रो लिया मैं तेरी यादों में रात भर ,
अब हर बात पे मुस्कुराना सीख लिया ।
कसम खाई है दुनिया को रोशन करने की ,
मैंने भी दीये की तरह जलना सीख लिया ।
तेज़ हवाओं मुझे डराने की कोशिश न करो,
मैंने अब तूफानों से टकराना सीख लिया ।
- राहुल 'राज'
ज़हर से अश्कों को पीना सीख लिया ।
क्यूँ करूँ भरोसा अब इस दुनियादारी पे ,
अपने हाथों से जख्म सीना सीख लिया ।
बहुत रो लिया मैं तेरी यादों में रात भर ,
अब हर बात पे मुस्कुराना सीख लिया ।
कसम खाई है दुनिया को रोशन करने की ,
मैंने भी दीये की तरह जलना सीख लिया ।
तेज़ हवाओं मुझे डराने की कोशिश न करो,
मैंने अब तूफानों से टकराना सीख लिया ।
- राहुल 'राज'