न कोई शीशमहल, न कोई ताज़ हूँ मैं । न कोई प्रेमगीत, न कोई अल्फाज़ हूँ मैं । छुपा रखा है मुझे, सब ने अपने दिलों में, जो लबों तक न आया,वही 'राज़' हूँ मैं ।
Saturday, December 18, 2010
Wednesday, November 10, 2010
Thursday, February 25, 2010
माँ अब तो लौट आओ ना.....
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माँ अब तो लौट आओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
माँ तेरा आज भी इंतजार है
आंसू नही इन आँखों में तेरा प्यार है
मेरी आँखों को अब इतना भी सताओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
छोड़ के अकेला न जाने तुझे क्या मिल गया
तू क्या छिनी मुझसे मै खुद से ही छिन गया
माँ नीद नहीं आती तेरी लोरियों के बिन
माँ एक प्यारी सी लोरी सुनाओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
जब भी मै एक पल भी रोता तू सारी रात रोती थी
सुलाकर मुझे खटिया पे तू जमी पे सोती थी
भर के पेट मेरा खुद भूखी ही सोती थी
देख माँ मै कब से भूखा हूँ अब कुछ तो खिलाओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
एक पल जो दूर रहता मिलने को तड़प जाती
थी जंहा कही भी जाती गोदी में बिठा ले जाती थी
धोखा दिया है माँ तुने क्यों अकेली चली गयी
माँ मुझे भी साथ ले जाओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
तेरे बिन माँ घर सूना सूना रहता है
दुखी है बड़ी बहना भी मन दुखी पापा का रहता है
छोटा भैया तेरी याद में रात रात भर रोता है
माँ हम सबको अब इतना भी रुलाओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
माँ अब तो लौट आओ ना
Friday, January 8, 2010
"इश्क की बाजी हार गए हम ......

"इश्क की बाजी हार गए हम यारो उन्हें जिताने को
नीर भी फीका पड़ जाए दिल की आग बुझाने को
भूल जाऊ कैसे उनको 'राहुल' ये नामुंकिन है
सात जन्म भी कम पड़ जाये अब तो उन्हें भुलाने को "
"इश्क की इसी लत है यारो छोड़े से न छूटेगी
जाने वो मेरी दिलबर मुझसे कब तक रूठेगी
कह दो मेरे दिलबर से जाकर ऐसे हार न मानूगा
भुला दूंगा मै भी उसको जब ये जिंदिगी रूठेगी "
-राहुल 'राज़'
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